Skandmata: ‘स्कन्दमाता’ की कथा, आरती, मंत्र, स्त्रोत और पूजा विधि

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नवरात्रि के पांचवें दिन की माता ‘स्कन्दमाता’ Skandmata का शास्त्रों में महत्व: नवरात्रि के पांचवें दिन की पूजा का शास्त्रों में बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन साधक का मन पूरी तरह से मां दुर्गा के स्कंदमाता रूप में लीन हो जाता है। यह …

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Kushmanda Devi: “कूष्माण्डा” नवदुर्गा के चौथे स्वरूप की कहानी, मंत्र और पूजा विधि

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Kushmanda : नवरात्रि की चौथी देवी, सृष्टि की आदिशक्ति कूष्माण्डा माता श्लोक : सुरासम्पूर्णकलशं रुधिरापतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥ “देवी कूष्माण्डा” माँ दुर्गा का चौथा स्वरूप हैं। इन्हें इस नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि इन्होंने अपनी हल्की मुस्कान से ब्रह्मांड …

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Chandraghanta-“चन्द्रघण्टा” नवदुर्गा का तीसरा स्वरूप- मंत्र, पूजा विधि और महत्व ।

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Chandraghanta Mata स्वरूप, महत्व, पूजा विधि और मंत्र चन्द्रघण्टा देवी: नवदुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा माता श्लोक : पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता ॥ चन्द्रघण्टा माता का स्वरूप नवरात्रि में नौ दिनों तक दुर्गा देवी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। …

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Brahmacharini-“ब्रह्मचारिणी” नवदुर्गा का दूसरा स्वरूप | कथा, श्लोक और महत्व जानें।

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Brahmacharini Mata नवदुर्गा मे ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी ब्रह्मचारिणी माता श्लोक : दधाना करपद्माभ्याम अक्षमालाकमण्डलू । देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा । ब्रह्मचारिणी माता का स्वरूप: ब्रह्मचारिणी माता देवी दुर्गा के नौ रूपों में से दूसरा रूप है। इनका स्वरूप अत्यंत सुंदर और दिव्य …

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Shailputri- “शैलपुत्री” नवदुर्गा का पहला स्वरूप | कथा, श्लोक और महत्व

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शैलपुत्री: नवरात्रि की पहली दुर्गा नवरात्रि, हिंदुओं की आस्था का महान पर्व है, जो देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। नवरात्रि के नौ दिनों में, देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इन नौ रूपों में से पहला रूप “शैलपुत्री” …

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सनातन धर्म का अर्थ क्या है?: सनातन धर्म कितना पुराना है?

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सनातन धर्म क्या है? हिंदी में “सनातन” शब्द का अर्थ है “शाश्वत” या “सदा बना रहने वाला”। यह शब्द संस्कृत के “सना” और “तन” शब्दों से मिलकर बना है। “सना” का अर्थ है “सदैव” या “अनादि” और “तन” का अर्थ है “तन” या “शरीर”। इस …

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भगवान विष्णु का जन्म एवं ब्रह्माजी की उत्पत्ति | भगवान शिव के द्वारा सृष्टि निर्माण।

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भगवान विष्णु का जन्म एवं भगवान शिव के द्वारा सृष्टि की रचना जिस समय चारों तरफ सिर्फ अंधेरा हीं अंधेरा था; न सूर्य दिखायी देते थे न चंद्रमा, ग्रह-नक्षत्रों का भी कहीं पता नहीं था; न दिन होता था न रात। अग्नि, जल, वायु और …

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अर्धनारीश्वर शिव जी की कथा | महादेव को क्यूँ लेना पड़ा अर्धनारीश्वर का रूप | Ardhanarishvara story in hindi

अर्धनारीश्वर शिव जी की कहानी

भगवान शिव के अर्धनारीश्वर रूप की कथा जब इस सृष्टि का प्रारम्भ हुआ था तब ब्रह्माजी द्वारा रची गई मानसिक सृष्टि का विस्तार नहीं हो पा रहा था, तब ब्रह्माजी को बहुत दुख हुआ। उसी समय आकाशवाणी हुई- ‘ब्रह्मन’ अब मैथुनी सृष्टि करो। आकाशवाणी सुनकर …

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सम्पूर्ण श्री माँ दुर्गा चालीसा पाठ अर्थ सहित | Durga Chalisa Lyrics with Meaning

navratri Durga Chalisa Lyrics with Meaning

Durga Chalisa Lyrics सम्पूर्ण दुर्गा चालीसा एवं दुर्गा चालीसा का हिन्दी अनुवाद Durga Chalisa Paath विशेष फलदायी दुर्गा चालीसा पाठ विधि-  ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर के साफ एवं शुद्ध वस्त्र धारण करें; माँ दुर्गा की प्रतिमा अथवा चित्र को सामने रखें। रोली, कुंकुम, अक्षत, …

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जब हनुमान जी ने महाबली भीम का घमण्ड तोड़ा। हनुमान-भीम प्रसंग।

hanuman bhim story

पांडवों में भीम “महाबली” थे, जो पवनपुत्र के नाम से भी जाने जाते थे। हनुमान जी भी पवनदेव के पुत्र थे इसीलिए भीम और हनुमान दोनों भाई थे। यह प्रसंग द्वापर युग की है जब कौरवों से हार के बाद पांडव बद्रिका आश्रम में वनवासी …

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