Kushmanda Devi: “कूष्माण्डा” नवदुर्गा के चौथे स्वरूप की कहानी, मंत्र और पूजा विधि

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Kushmanda : नवरात्रि की चौथी देवी, सृष्टि की आदिशक्ति कूष्माण्डा माता श्लोक : सुरासम्पूर्णकलशं रुधिरापतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥ “देवी कूष्माण्डा” माँ दुर्गा का चौथा स्वरूप हैं। इन्हें इस नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि इन्होंने अपनी हल्की मुस्कान से ब्रह्मांड …

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